गुरुवार, 13 जून को सोशलिस्ट इक्वालिटी पार्टी और वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट के अंतरराष्ट्रीय संपादकीय बोर्ड की ओर से यह चिट्ठी वॉशिंगटन डीसी में यूक्रेन के राजदूत ओक्साना मारकारोवा को सौंपी जाएगी।
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नेल्ली जनसंहार में भारत की मौजूदा सत्तारूढ़ हिंदू बर्चवस्ववादी बीजेपी ने बड़ी भूमिका निभाई थी. बांग्लादेश से आए बेहद ग़रीब विस्थापित शरणार्थियों के ख़िलाफ़ "अवैध विदेशी" के नाम पर बड़े पैमाने पर सामप्रदायिक भड़काऊ अभियान के कारण यह जनसंहार हुआ था.
Perspective
पाकिस्तानी मज़दूरों की हत्या और बलोच जातीय-अलगाववादी राष्ट्रवाद का अंधा मोड़
आबादी की जायज शिकायतों को जिस बर्बरता के साथ इस्लामाबाद कुचने की कोशिश कर रहा है उसने बलोची राष्ट्रवादी ग्रुपों और अलगवादी विद्रोहियों की संख्या में घी का काम किया है और इसकी वजह से हिंसा अपने नए स्तर पर पहुंच गई है।
ओटावा ने नई दिल्ली आरोप लगाए हैं कि भारत सरकार के अधिकारियों और ख़ुफ़िया एजेंटों ने कनाडा की धरती पर धमकी और मर्डर का अभियान चलाने के लिए आपराधिक गिरोहों के साथ मिलकर साज़िश रची। उसने इसके बारे में "बहुत स्पष्ट और विश्वसनीय" जानकारी होने की बात कही। इसके बाद से कनाडा और भारत के बीच राजनयिक रिश्ते पूरी तरह खटाई में पड़ गए हैं।
शुरुआत से ही जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य क्षेत्र की हालत को लेकर कई गंभीर मुद्दे खड़े किए हैं लेकिन इन्हें सबसे संकीर्ण और प्रतिक्रियावादी क़ानून व्यवस्था की मांगों के पक्ष में लगातार किनारे लगाया गया।
मज़दूरों की बिना किसी मांग के माने और रैंक एंड फ़ाइल से बिना चर्चा के सीटू ने हड़ताल समाप्त कर दी। मज़दूरों की मांग थी कि सीटू से संबद्ध सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन को कंपनी और सरकार मान्यता दे।
प्रसन्ना विथानागे कहते हैं कि श्रीलंका में बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन "हमारे समाज में वास्तविक वर्गीय मतभेदों और अमीरों एवं ग़रीबों के बीच विभाजन का नतीजा था।"
यह उपन्यास और फ़िल्म केरल से आने वाले एक मलयाली व्यक्ति की ज़िंदगी की वास्तविक कहानी से प्रेरित है, जिसे 1990 के दशक की शुरुआत में सऊदी अरब में बकरी चरवाहे के रूप में ग़ुलाम बना लिया गया था।
चेन्नई के बाहर दूध की एक सरकारी फ़ैक्ट्री के कन्वेयर बेल्ट में फंस कर हुई उमारानी की मौत ने निजी और सरकारी कंपनियों में ख़तरनाक़ काम के हालात को एक फिर से सामने ला दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश
हमले का कारण जो भी कुछ हो, एक बात निश्चित हैः यह पूरे राजनीतिक सत्तातंत्र को दक्षिणपंथ की ओर तेजी से मोड़ देगा।
बाइडन-ट्रंप डिबेट और अमेरिकी राजनीतिक सिस्टम का संकट
गुरुवार रात को अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ़ बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट अमेरिकी राजनीतिक परम्पराओं के हिसाब से भी पतन, प्रतिक्रिया और मूर्खता का तमाशा था।
जूलियन असांज आज़ाद, मगर लोकतांत्रिक अधिकारों को बचाने की लड़ाई जारी है
सोमवार को जूलियन असांज ब्रिटेन की बेलमार्श जेल से आज़ाद रिहा हो गए। अमेरिका की अगुवाई वाली साम्राज्यवादी सरकारों के अपराधों को उजागर करने के लिए, उनके द्वारा रची गई साज़िश के कारण असांज को पांच साल जेल में गुज़ारना पड़ा और 15 साल उत्पीड़न झेलना पड़ा।
यूक्रेनी सरकार को खुली चिट्ठीः बोगडान सायरोटुक को रिहा करो!
गुरुवार, 13 जून को सोशलिस्ट इक्वालिटी पार्टी और वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट के अंतरराष्ट्रीय संपादकीय बोर्ड की ओर से यह चिट्ठी वॉशिंगटन डीसी में यूक्रेन के राजदूत ओक्साना मारकारोवा को सौंपी जाएगी।